अँधेरे में है हम ,
खुदा की रोशनी से दूर है हम
बुराई का आतंक फ़ैल रहा है
इन्साफ से दूर जा रहे है हम
अँधेरे में है हम (2)
कब तक इस धुएँसे छुपते रहे हम
कभी हमें भी तोह आके इससे गुजरना पड़ेगा
अँधेरे में है हम (2)
माँ जैसे इस कोमल शब्द से उसे नामांकित करते है हम (2)
ये जानते हुए भी की माँ ईश्वर की परछाई होती है ,
फिर भी उसका तिरस्कार करते है हम
चुप रह कर अब तक सहती आरही है वो
इसका मतलब ये नहीं की आगे भी सहती जाएगी वो
अब वक्त आ गया है हमारे अंत का
अब वक्त आ गया है हमारी सांसे रुकने का
बस कुछ ही पलो की तोह बात है
फिर न तुम मिलोगे न हम