आज के समय में डायबिटीज एक आम समस्या हो गई है जो हर तीसरे व्यक्ति को होती है. मोटापा और डायबिटीज ये दो समस्याएं बहुत आम हो गई हैं और इससे लोग ज्यादा परेशान रहने लगे हैं. ऐसा कहा जाता है कि डायबिटीज की बीमारी एक बार हो जाती है तो कभी खत्म नहीं होती और इसे दवाई के अलावा सही खान-पान से कंट्रोल रखना पड़ता है. अस्त-व्यस्त जीवनशैली, गलत खानपान और अनलिमिटेड मीठा खाने से ही डायबिटीज हो जाती है जिनका इलाज पूरी तरह तो संभव नहीं हो पाता लेकिन Diabetes ke Gharelu Upay से आप अपनी ये बीमारी ठीक रख सकते हैं.

कैसे होता है मधुमेह (डायबिटीज)
जब मानव शरीर को पैंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है. इस स्थिति को ही मधुमेह यानी डायबिटीज कहते हैं. इंसुलिन एक हार्मोन होता है जो पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है. जिसका काम शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी बदलना होता है. यही हार्मोन हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है. डायबिटीज हो जाने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने मे कठिनाई होती है और ऐसी स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के अलग-अलग अंगों को नुकसान पहुंचाने का काम शुरु कर देता है. यह रोग महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को होता है और यह ज्यादातर वंशानुगत और जीवनशैली बिगड़ने के कारण ही होता है. इसमें वंशानुगत को टाइप-1 और अनियमित जीवनशैली की वजह से होने वाले मधुमेह को टाइप-2 श्रेणी में रखा गया है और पहली श्रेणी के अंतर्गत वह लोग आते हैं जिनके परिवार में माता-पिता, दादा-दादी में से किसी को डायबिटीज हो जाती है तो परिवार के किसी ना किसी सदस्य को यह बीमारी होने की संभावना हो जाती है. इसके अलावा अगर आप शारीरिक श्रम कम करते हैं, नींद पूरी नहीं लेते, अनियमित खानपान रखते हैं और ज्यादातर लोग फास्ट फूड या मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं उन्हें डायबिटीज होने की संभावना ज्यादा होती है.
डायबिटीज होने के लक्षण
हर बीमारी होने से पहले कुछ लक्षण बताती है. डायबिटीज के मरीजों में ज्यादा मौत हार्ट अटैक या स्ट्रोक से होती है. जो व्यक्ति डायबिटीज से ग्रस्त होते हैं उन्हें हार्ट अटैक का खतरा आम व्यक्ति से 50 गुना ज्यादा होता है. शरीर में ग्लूकोज की मात्रा के बढ़ने से हार्मोनल बदलाव आते हैं और कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होती हैं जिससे खून की नलिकाएं और नसें दोनों प्रभावित हो जाती हैं. इससे धमनी में रुकावट आती है या हार्ट अटैक होता है. वैसे डायबिटीज होने से पहले मधुमेह के ऐसे कुछ लक्षण होते हैं.
1. ज्यादा प्यास लगना
2. बार-बार पेशाब का आना
3. आँखों की रौशनी कम होना
4. कोई भी चोट या जख्म देरी से भरना
5. हाथों, पैरों और गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म
6. बार-बर फोड़े-फुंसियां निकलना
7. चक्कर आना
8. चिड़चिड़ापन
मधुमेह के देसी उपचार
मोटापा और डायबिटीज का चोली दामन का साथ है, ज्यादातर डायबिटीज के मरीज डायबिटीज में ब्लड शुगर काफी बढ़ जाता है जिससे शरीर की इंसुलिन उत्पादन क्षमता प्रभावित हो जाती है और कई बार तो ऐसा होता है कि शरीर रूप में इंसुलिन का इस्तेमाल ही नहीं हो पाता है. ऐसे में आपको इस रोग को कंट्रोल रखने की जरूरत हो जाती है जिसके लिए मैं आपको कुछ देसी उपचार बताती हूं.
नींबू- मधुमेह के मरीज को प्यास बहुत लगती है और उन्हें बार-बार पानी पीना चाहिए लेकिन हर बार खाली पानी पीने के बजाए उसमें नींबू मिलाकर पानी पिएं फायदा मिलेगा.
खीरा- मधुमेह के मरीजों को भूख से थोड़ा कम तथा हल्का भोजन का सेवन करना चाहिए. इस बात के लिए डॉक्टर्स भी सलाह देते हैं और ऐसे मरीजों को हर 2 घंटे पर कुछ ना कुछ खाते रहना चाहिए. ऐसी स्थिति में अगर खीरा खाया जाए तो भूख भी मिट जाती है और पानी की मात्रा भी बनी रहती है.
शलजम- मधुमेह के रोगियों को तरोई, लौकी, परवल, पालक, पपीता जैसी सब्जियों का सेवन करना चाहिए. शलजम के प्रयोग से भी रक्त में स्थित शर्करा की मात्रा कम होने लगती है इसलिए शलजम की सब्जी, पराठे, सलाद जैसी चीजें स्वाद बदल-बदलकर ले सकते हैं.
करेला- डायबिटीज के मरीजों के लिए करेला रामबाण सब्जी होती है. इसे प्याज और नींबू को मिलाकर बनाएं जो स्वादिष्ट और लाजवाब बनती है. इसके अलावा मरीजों को करेला का जूस, करेला का पराठा बनाकर खाना चाहिए, ये स्वाद में जितना कड़वा उतना ही फायदेमंद होता है.
ग्रीन टी- ग्रीन टी में उच्च मात्रा में पॉलीफिनॉल पाया जाता है जो एक सक्रिय एंटी-ऑक्सीडेंट होता है. जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के साथ ही उसे ज्यादा बढ़ने नहीं देता है. हर दिन सुबह और शाम ग्रीन टी का सेवन फायदेमंद होता है.
जामुन- जामुन या उसके बीज में डायबिटीज को कंट्रोल करने के फायदेमंद गुण होते हैं. जामुन के बीजों को अच्छी तरह से सुखा लें और उसके बाद उन्हें पीसकर चूर्ण बना लें. सुबह खाली पेट जामुन के बीजों को गुनगुने पानी के साथ लें इससे डायबिटीज कंट्रोल रहती है. इसके अलावा जामुन के मौसम में जामुन भी खाना चाहिए ये बहुत लाभकारी होता है.
मेथी- मधुमेह के उपचार के लिए मेथी के दानों को खाने के लिए डॉक्टर्स भी बताते हैं. दरअसल ये एक आयुर्वेदिक उपचार होता है और दवाओं की कंपनियां भी मेथी के पाउडर का इस्तेमाल करती हैं. हर दिन दो टाइम एक चम्मच मेथी का चूर्ण पानी के साथ निगलना चाहिए.
सहजन- सहजन की पत्तियों का रस सहजन की पत्तियों का रस भी डायबिटीज कंट्रोल करने में मददगार होता है. ड्रमस्टिक की पत्तियों को पीसकर उसे निचोल लेना चाहिए और सुबह खाली पेट इसका सेवन करना चाहिए. ऐसा करने से शुगर लेवल कभी बढ़ता नहीं है.
दालचीनी- भारतीय व्यंजनों में दालचीनी का इस्तेमाल जरूर होता है. इसके प्रयोग से इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ती है और ये ब्लड शुगर के लेवल को कम करके कंट्रोल करता है. इसके नियमित सेवन से मोटापा भी कम किया जा सकता है और दालचीनी को मही पीसकर पाउडर बनाते है. फिर इसे गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए.
डेयरी प्रोडक्ट्स- डायबिटीज के मरीजों को पनीर, दूध और दही खूब खाना चाहिए. इसमें पनीर का सेवन हर दिन कम से कम 50 ग्राम तो करना ही चाहिए और इन चीजों के अलावा अपने भोजन में हर दिन कुछ ना कुछ डेरी प्रोडक्ट शामिल करें, फायदा होता है.