- Vijethuwa dham
जय श्री बजरंग बली, हनुमानजी🙏🙏_बिजेथुआ_धाम_🙏🙏
सुलतानपुर जिले की कादीपुर तहसील में सूरापुर बाजार के दक्षिण लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर बिजेथुआ नामक स्थान पर स्थित हनुमान जी का वह मंदिर, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहीं महाबीर बजरंगबली श्री हनुमानजी ने कालनेमि का वध किया था।
रामायण की कथा अनुसार जब राम-रावण युद्ध में लक्ष्मण जी को शक्ति लगी और वह मूर्छित हो गए तो वैद्यराज सुषेण के कहने पर हनुमान संजीवनी बूटी लाने के लिए हिमालय की तरफ चले।
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हनुमान संजीवनी बूटी न ला पाएं, इसके लिए रावण ने अपने एक मायावी राक्षस कालनेमि को भेजा, ताकि वह मार्ग में ही हनुमान जी का वध कर दे।
कालनेमि मायावी था और उसने एक साधु का वेश धारण कर रास्ते में राम-राम का जाप करना शुरू कर दिया। थके-हारे हनुमान जी राम-राम सुन कर वहीं रुक गए।
कालनेमि ने उन्हें अपनी रामभक्ति का विश्वास दिलाया और उन्हें अपने आश्रम में कुछ समय विश्राम कर फिर रामकाज के लिए आगे बढ़ने को कहा। हनुमान जी मान गए। हनुमान जी काफी थके हुए थे, सो उन्होंने स्नान करने की इच्छा जताई।
मांगा जल तेहि दीन्ह कमंडल। कह कपि नहिअघाउँ थोरे जल।
सर मज्जन करि आतुर आवहु।दिच्छा देउँ ग्यान जेहि पावहुँ।।
बिजेथुआ में आज भी वह कुंड है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसी में हनुमान जी ने स्नान किया था। जब हनुमान जी इस कुंड में स्नान कर रहे थे तो कहते हैं कि कालनेमि मगरमच्छ का रूप धारण कर इस कुंड में घुस आया और हनुमान जी को खा जाना चाहा।
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हनुमान जी से उसका भीषण युद्ध हुआ और हनुमान जी ने यहीं इसी कुंड में उसका वध कर दिया।
सर पैठत कपि पद गहा, मकरी तब अकुलान।
मारी सो धरि दिव्य तनु, चली गगन चढि जान।।
कालनेमि के वध के बाद हनुमान जी सीधे संजीवनी लेने हिमालय की ओर निकल गए। बिजेथुआ महावीरन मंदिर महावीर हनुमान की रामभक्ति और वीरता का प्रतीक तो है ही, साथ ही कालनेमि के विश्वासघात का प्रतीक भी है।
हर मंगलवार को यहां विराट मेला लगता है,
जहां दूर-दूर से श्रद्धालु हनुमान जी के दर्शन को आते हैं।
कैसे पहुंचें
सुलतानपुर जिला मुख्यालय से कादीपुर के लिए बस या टैक्सी से जा सकते हैं। करीब पैंतालीस मिनट का रास्ता है। इसके बाद कादीपुर से हर समय बिजेथुआ के लिए टैक्सी-ऑटो मिलते हैं।
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