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होली

hindi articles, stories and books related to holi


फिज़ा में खुशबु, हवा में बिखरा हुआ कमाल का रंग,निखर के गाल पर उसके, बड़ा इतरा रहा गुलाल का रंग।उड़ा के रंग-ए-इश्क़... हवा में, लिख दूँ मैं नाम तेरा,कभी जो बरसे मुझ पर, तेरे हुस्न-ओ-जमाल का रंग।।-दिनेश

तेरी मोहब्बत का रंग, कुछ ऐसा है कीअब और कोई रंग, उस पर चढ़ता ही नहीं-दिनेश कुमार कीर

आया फाल्गुन का माहलाया  होली जैसा अद्भूत उत्सवजिस दिन ना किसी से शिकवाना किसी से गिलाजो भी मिला एक  दुसरे सेहाथों में रंग लिए प्यार से मिलादूर हुई नफरतेंऔर रंगों को आकार मिलाजो छोड़ गया था ब

आई होली आई होली,मुँह पर रंग लगा गई साली,रंग लगाकर वह तो भागी,पीछे से मैंने दौड़ लगा दी।मैं पीछे वह आगे भागी,पीछे से मैंने टंगड़ी मारी,बगल से बहती थी एक नाली,उसमें गिर गई मेरी साली।उठ पाती वो नाली में गि

होलिया में धुलिया उड़ाई रेये रंगों भरी होली आई रे...ये रंग बिरंगे चेहरेये छोटे छोटे छोरेपिचकारी लेकर दौरेभर भर पिचकारी रंग मारे रे मारे रे मारे रेहोलिया में धुलिया उड़ाई रेये रंगों भरी होली आई रे...ये म

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 होलिका दहन 2023  मंगलवार 7 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा, सभी के लिए होलिका दहन शुभ हो और सभी के जीवन में सौभाग्य रूपी प्रहलाद जीवित रहे यही कामना है...  होलिका दहन के विषय में जन साधारण में भ्रम

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 होलाष्टक और होलिका दहन 2023  रविवार 26 फरवरी को अर्द्धरात्रि में एक बजे (27 को सूर्योदय से पूर्व) के लगभग विष्टि करण (भद्रा) और वैद्धृति योग में फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि का आरम्भ हो रहा है | इसी सम

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सुनो!मैंने आज सपना देखातुम्हारे बिस्तर के बगल मेंबैठ मैं निहार रहा थातुम्हारें अप्रतिम सौंदर्य को।फिर मालूम....मैंने चूमा तुम्हें इस कदरमानों कोई गर्म मोम होतुम्हारें कांधे पेतुम भी तो चाहती थीथोड़ा जल

दिनाँक : 17.03.2022समय   : शाम 7 बजेप्रिय डायरी जी,होली की बहुत शुभकामनाएं!दिवाली पर मैं रंगू दीवारें,होली पर रंगू सखी प्रिय।दीवाली पर जलाऊं दीये,होली पर जले हिय प्रिय।दिवाली पर लड़ियों की झा

                 💐😊 पिचकारी😊💐                       💐😊 पिचकारी😊💐&nb

रिश्तों में अब वो पुराना प्यार ना नजर आता,ना जाने कहां गई वो अपनों की मीठी रस सी भरी बोली,ना बच्चों में दिखता है उल्लास न ही भाभियों की हसी ठिठोली,सोचता हूं तो लगता है जैसे अब खो सी गई वो पुरानी वाली

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22 मार्च को WOW India की ओर से डिज़िटल प्लेटफ़ॉर्म ज़ूम पररंगोत्सव मनाने के लिए एक काव्य सन्ध्या का आयोजन किया गया... जिसमें बड़े उत्साहसे सदस्यों ने भाग लिया... कार्यक्रम की अध्यक्षता की वरिष्ठ साहित्यकार डॉ रमासिंह ने और संचालन किया WOW India की Cultural Secretary लीना जैन ने... सभी कवयित्रियों के काव

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22 मार्च को WOW India की ओर से डिज़िटल प्लेटफ़ॉर्म ज़ूम पररंगोत्सव मनाने के लिए एक काव्य सन्ध्या का आयोजन किया गया... जिसमें बड़े उत्साहसे सदस्यों ने भाग लिया... कार्यक्रम की अध्यक्षता की वरिष्ठ साहित्यकार डॉ रमासिंह ने और संचालन किया WOW India की Cultural Secretary लीना जैन ने... सभी कवयित्रियों के काव

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आज सभी रंगों से होली खेल रहे हैं... होली... जो पर्व हैरंगों का... रूठे हुओं को मनाने का... मन की सारी नकारात्मकता होलिका के साथ दहनकरके सकारात्मकता के रंगों से होली खेलने का... मेल मिलाप का... हमारे अपनेकार्यक्रम “मेरी बातें” में आप सभी का स्वागत है... होली के हुडदंग के साथ... प्रस्तुतहैं कुछ पंक्ति

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मेरी नन्द मनीषा रामरक्खा फिजी यूनिवर्सिटीमें हिंदी की प्रोफेसर हैं उन्होंने फिजी में हिंदी साहित्य के उत्थान के लिए बहुतकाम किया .मुझे उनपर गर्व हैं . उनकी होली उत्सव पर लिखी कविता मुझे बहुत पसंदआयीं मैने पाठकों के लिए शेयर की है . होली सो होली मनी

मोहल्ले में होलिका दहन का आयोजन हो रहा था मन में विचारो का सैलाब उमड़ रहा था कल करेंगे मज़े, एक दम दिल खोलरंगो के साथ होगा, मस्ती का माहौलनाचेंगे, नचाएंगे, रंगो में नहाएंगे जात-पात का भेद भूल, मिलकर धूम मचाएंगेएक रंग में रंगे चेहरों की क्या होगी पहचानन होगा कोई ईसाई, न सिख, न हिन्दू और न मुस्लमान स

मनोज्ञा छंद "होली"भर सनेह रोली।बहुत आँख रो ली।।सजन आज होली।व्यथित खूब हो ली।।मधुर फाग आया।पर न अल्प भाया।।कछु न रंग खेलूँ।विरह पीड़ झेलूँ।।यह बसंत न्यारी।हरित आभ प्यारी।।प्रकृति भी सुहायी।नव उमंग छायी।।पर मुझे न चैना।कटत ये न रैना।।सजन य

"होली गीत" होरी खेलन हम जईबे हो मैया गाँव की गलियाँसरसों के खेतवा फुलईबे हो मैया गाँव की गलियाँ।।रंग लगईबें, गुलाल उड़ेईबें, सखियन संग चुनर लहरैबेंभौजी के चोलिया भिगेईबें हो मैया गाँव की गलियाँ.....होरी खेलन.....पूवा अरु पकवान बनेईबें, नईहर ढंग हुनर दिखलईबेंबाबुल के महिमा बढ़ेईबें हो मैया गाँव की गलिय

कुसुम किसलय कुञ्ज कोकिल,कूकते है फ़ाग में।तन और मन भीगे हुए हैं,प्रेम और अनुराग में।।तन प्रफुल्लित मन प्रफुल्लित,नित नए उत्सर्ग में।ईश् अनुकम्पा बिखेरे,होलिका के पर्व में।।#आप_को_सपरिवार_रंगपर्व_होलिकोत्सव_की_हार्दिक_शुभकामनाएं।

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होली का अर्थ हुआ बँधुओं, हम भगवान् के होलिएतन-मन-धन-समय-सांस-संकल्प भगवान् के लिएभगवान् की ही अहेतुकी कृपा के फलस्वरुप हम हुएविगत बातों को कहते हम सब- "होली" सो होलीशंकर के भक्त भ्रमित हो गटक रहे रे भंग की गोलीपवित्रता को फिरंगियों ने भी सहृदय कहा सदा होलीये तीनों अर्थ हम सब के लिए श

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