खोची पठान की जुबान गीत 2013 हिंदी फिल्म जंजीर से है। यह गीत सुखविंदर सिंह और शबाब सबरी द्वारा गाया जाता है। इस गीत के गीत उत्कृष्ट हैं और आप निश्चित रूप से इसे पसंद करेंगे।
ज़ंजीर (Zanjeer )
खोचे पठान की जुबां (Khochey Pathan Ki Zubaan ) की लिरिक्स (Lyrics Of Khochey Pathan Ki Zubaan )
वल्लाह.. वल्लाह.. वल्लाह..
सब कुछ खुदा से माँग लिया इक तुझको ही मांग के उठते नहीं हैं हाथ मेरे अब इस दुआ के बाद.. इस दुआ के बाद..
ोये खोचे पठान.. ोये लाले दी जान
ो हो... दे दे मौला मौला मौला यार के करम
यारों के जी यार हैं दिलदार हैं हम [होए होए..] यार पे मिट जायेंगे खुदा की कसम हो.. यारों के जी यार हैं दिलदार हैं हम [होए होए होए..] यार पे मिट जायेंगे खुदा
जान दे दें.. जान दे दें जो तू करे इशारे.. ओ यारा.. खोचे पठान की जुबां है यह यारा खोचे पठान की जुबां है यह यारा खोचे पठान की जुबां है यह यारा खो
हो अल्लाह... दे दे रे मौला मौला रे मौला यार के करम रेहम-ो-करम बस तेरा है ेड़ा ही भरम नज़र उठा के कोई देखे यह है किस में दम खड़े हैं राह में तेरी दीवार बन
हो हो हो.. हो हो हो.. हो हो हो... नज़र उठा के कोई देखे यह है किस में दम खड़े हैं राह में तेरी दीवार बन के हम मजाल इतनी कहाँ जो कोई तुझु छू ले मेरी शमशीर क
हो.. ो... ो.. ो... हो.. ो... ो.. ो... यारी में पीछे कभी हटे न कदम [हेट न कदम] यारों पे मिट जाएंएग खुदा की कसम
जान दे दें.. [हो जान दे दें] जान दे दें जो तू करे इशारे.. ओ यारा.. खोचे पठान की जुबां है यह यारा खोचे पठान की जुबां है यह यारा खोचे पठान की जुबां
ज़रा सा क़तरा भी अदा में रहता है अजीब लहज़े में दरिया से बात करता है हो हो हो.. हो हो हो.. ज़रा सा क़तरा भी अदा में रहता है अजीब लहज़े में दरिया से बात करता ह
हो.. ो... ो.. ो... हो.. ो... ो.. ो... यारी में पीछे कभी हटे न कदम [हेट न कदम] यारों पे मिट जाएंएग खुदा की कसम
जान दे दें.. [हो जान दे दें] जान दे दें जो तू करे इशारे.. ओ यारा.. खोचे पठान की जुबां है यह यारा खोचे पठान की जुबां है यह यारा खोचे पठान की जुबां
खुदा के बाद मुझको यार यारी से अक़ीदा है बुला के यार ऐसे में मुझे तूने खरीदा है के यह सच है दुआ मांगी तो तेरा साथ पाया है मसीहा बन के मेरे सर पे तेरा हाट
हो.. ो... ो.. ो... जान दे दें.. माशाल्लाह [हो जान दे दें] हो जान दे दें जो तू करे इशारे.. ओ यारा.. खोचे पठान की जुबां है यह यारा खोचे पठान की जुबां है ये