माध्यम की भाषा
(1)
जिस कार्य-क्षेत्र में उपयोग में आती रहे जो भाषा;
उस क्षेत्र केलिए विकसित होती रहती वो भाषा।
काम केलिए उपयोग में न लाएं निज-भाषा;
फिर क्यों कहें विकसित नहीं हमारी निज भाष।।
(2)
व्यक्तिगत क्षमता, सामूहिक क्षमता में;
सार्वजनिक रूप में, सरकारी काम में;
भाषा रूप अपनाना है निज भाषा;
शिक्षा में भी माध्यम हो निज भाषा;
हर कार्य क्षेत्र में माध्यम हो निज भाषा।।
उपयोग में आती रहे जो भाषा;
तभी उपयोगी बनी रहती वो भाषा;
हर क्षेत्र में, पूर्ण रूप से, निज भाषा में काम करें;
तभी यह बन सकती हमारे माध्यम की भाषा।।
(3)
हम स्वतंत्र हैं, अवसर है, पूर्ण रूप अपनालें निज भाषा;
व्यक्तिगत स्तर पर भाषा रूप, और देश में माध्यम रूप हो निज भाषा।
किसी भी अन्य विषय की तरह, सीखते रहें कितनी भी भाषा;
पर किसी भी अन्य भाषा को न बनाएं माध्यम की भाषा।
काम पड़ता है जिनसे, सीखना वांछनीय है, उनकी भाषा;
पर निज स्तर, निज क्षेत में हर कार्य केलिए माध्यम हो निज भाषा।।
(4)
मातृ-भाषा हो हमारे माध्यम की भाषा;
हर कार्य क्षेत्र में माध्यम हो निज भाषा।
यह है हमारा धर्म, हर कार्य में अपनाएं निज भाषा;
हम स्वतंत्र हैं, अवसर है, पूर्ण रूप अपनालें निज भाषा।।
उदय पूना