आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानव अपने शरीर की देखभाल बहुत कम कर पाता है जिस कारण शरीर में काफी रोग होने लगे है। मानव जीवन में पानी की कमी, अनियमित और दूषित खानपान, तनाव भरा जीवन और प्रदूषण भरे माहौल में ज्यादा वक्त बिताना आंखों के रोग होने के कारण बनते हैं। जो लोग बहुत अधिक समय तक फोन, कम्प्यूटर, टीवी और टैबलेट के साथ अपना वक्त व्यतीत करते है उनको आंखों से संबंधित बीमारी होने का खतरा अधिक रहता है। आजकल लोगों का जिस तरह से लाइफस्टाइल हो गया है, उसमें आंखों का कमजोर होना और चश्मा लगना भी लाजमी है। इन कारणों से आपकी आंखों की रोशनी कमजोर हो जाती है और आपकी आंखों पर चश्मा चढ़ जाता है। इन्हीं दृष्टि दोषों में से एक है मायोपिया (निकट दृष्टि दोष)।इस रोग यानि निकट दृष्टि दोष (मायोपिया) (Myopia) से सबसे ज्यादा लोग प्रभावित हैं। चिकित्सकों के अनुसार, बचपन में देखने की क्षमता का विकास और किशोरावस्था में आंख की लंबाई बढ़ती है लेकिन निकट दृष्टि दोष होने की वजह से यह कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में आंख में जानेवाला प्रकाश रेटिना पर केंद्रित नहीं होता। इसी वजह से तस्वीर धुंधली दिखाई देती है लेकिन इस दोष को कॉन्टेक्ट लेंस या सर्जरी से ठीक कराया जा सकता है।
मायोपिया के लक्षण - Symptoms Of Myopia In Hindi
जिन लोगों को 2 मीटर या 6.6 फीट की दूरी के बाद चीजें धुंधली दिखती हैं उन्हें मायोपिया का शिकार माना जाता है। मायोपिया अगर गंभीर ना हो तो चश्मा लगाकर या कॉन्टेक्ट लेंस लगाकर इस समस्या से निजात पा सकते हैं। इसके अलावा अगर स्थिति गंभीर हो तो ऐसी स्थिति में रिफ्रैक्टिव सर्जरी ही इसका उपचार है। मायोपिया होने के कुछ लक्षण निम्न प्रकार से है-
1. अचानक से चक्कर आना
2. बच्चों को स्कूल में ब्लैक बोर्ड पर लिखा हुआ न दिखना
3. टेलीविजन देखते समय धुंधला दिखाई देनाट
4. दूरी पर लिखे अक्षर को नहीं पढ़ पाना
5. सिर में दर्द रहना
6. अत्यधिक चमकते हुए
7. आंखों को अक्सर रगड़ना
8. चॉकबोर्ड, टेलीविजन या मूवी स्क्रीन के नजदीक बैठने की आवश्यकता होना
9. दूर से वस्तुओं का धुंध लगना
मायोपिया होने के कारण | Causes Of Myopia In Hindi
मायोपिया अक्सर तब होता है जब आंखों की लंबाई अत्यधिक लंबी होती है जो इसे लेंस की ध्यान केंद्रित करने वाली शक्तियों और आंखों के कॉर्निया से जुड़ती है। इससे प्रकाश की किरणें सतह की बजाय रेटिना के सामने के हिस्से में एक बिंदु पर केंद्रित होती हैं। जो लोग निकट दृष्टि दोष की समस्या हैं यानि कि जिन्हें थोड़ी दूर की चीजें भी साफ दिखाई नहीं देतीं, उसे रिफरेक्टिव एरर (Refractive error) कहते हैं। जिससे आंख में पहुंचने वाला प्रकाश ठीक तरह से फोकस नहीं कर पाता। ऐसे में किसी भी चीज की तस्वीर, रेटिना पर न बनकर, उसके सामने बन जाती है जिससे चीजें धुंधली दिखाई देती हैं। यह समस्या उम्र के साथ बढ़ती जाती है। मायोपिया की समस्या से जूझ रहे लोग चश्मा या कांटेक्ट लैंस के जरिये समस्या से निजात पा सकते हैं लेकिन समस्या ज्यादा हो तो ऑपरेशन द्वारा मायोपिया का इलाज संभव है।
मायोपिया का उपचार | Treatment On Myopia In Hindi
निकट दृष्टि दोष का इलाज कांटेक्ट लेंस या चश्में से किया जा सकता है। हालांकि मायोपिया पूरी तरह से ठीक नहीं करता है, लेकिन यह बिजली को बढ़ने से रोकता है। यदि मायोपिया की आपकी डिग्री अधिक है, तो यह एक अपवर्तक सर्जरी का चयन करने के लिए सलाह दी जाती है। यह सर्जरी आमतौर पर कांटेक्ट या चश्मा की आवश्यकता को समाप्त करती है। एक्सीमर लेजर सबसे आम लेजर है जो दृष्टि को सही करने के लिए उपयोग किया जाता है। कांटेक्ट जाने की जरूरत नहीं है। इसे केवल पहना जा सकता है जब आप स्पष्ट दूरी दृष्टि चाहते हैं, जैसे मूवी देखते समय, चॉकबोर्ड को देखते हुए या ड्राइविंग करते समय।
मायोपिया से बचाव | Protection From Myopia
मायोपिया से बचाव के लिए सामान्य उपचार निम्न है जिन्हें अपनाकर आप काफी हद तक बचा जा सकता है।
1. सांस लेने वाले व्यायाम करें।
2. त्रिफला चूर्ण का सेवन करे।
3. अधिक समय तक टेलीविजन और कंप्यूटर पर देने से बचें
4. पर्याप्त रोशनी में कार्य करें।
5. तेज धूप और प्रदूषण से बचने के लिए चश्में का प्रयोग करे।
6. नारियल, मिश्री, सौंफ और बादाम को मिलाकर मिक्सर तैयार करें और पाउडर बनायें। दिन में दो बार खाएं।