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क्या आप गोखरू के बारे में जानते हैं? यहाँ जानिए

17 अप्रैल 2019

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गोखरू का परिचय

गोखरू एक ऐसी जड़ी-बूटी है जिसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में कई रोगों के इलाज में किया जाता है। आयुर्वेद में तो गोखरू के फायदे के बारे में बताया ही गया है साथ ही साथ आज के भी आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना है कि गोखरू के अनगिनत फायदे हैं। यह त्रिदोषों अर्थात वात, पित्त, और कफ तीनों को नियंत्रित करने में सहायक है। इसके अलावा गोखरू यौन समस्याओं के उपचार में भी बहुत उपयोगी मानी जाती है।

इसका वानस्पतिक वैज्ञानिक नाम ट्रीब्युलस टेरेस्ट्रिस (Tribulus terrestris Linn) है और इसे अंग्रेजी में लैंड कैलट्रोप्स (Land caltrops) नाम से पुकारा जाता है। भारत के ग्रामीण इलाकों में यह जड़ी-बूटी गोक्षुर नाम से भी जानी जाती है।



गोखरू कहां पायी जाती है

यह जड़ी-बूटी आमतौर पर वर्षा ऋतु में बहुतायत मिलती हैं। इसके पौधे जमीन पर छत्ते की तरह फैले रहते हैं। इसके काटेंदार फल जंगलों में गायों और जानवरों के पैरों (खुरों) में चिपक जाते थे, इसीलिए इसका नाम गोखरू पड़ा।



गोखरू के फायदे

चरक संहिता में गोखरू के कई फायदे बताए गए हैं। वतर्मान समय में किडनी की पथरी दूर करने की यह सबसे कारगर औषधि मानी जाती है। आइये इसके कुछ प्रमुख फायदों पर एक नज़र डालते हैं।

रक्तपित्त में गोखरू के फायदे : रक्तपित्त आमतौर पर गलत खानपान से होने वाली एक बीमारी है। इसमें शरीर गर्म हो जाता है और शरीर के कई अंगों (नाक, कान, मूत्रद्वार, योनि आदि) से खून बाहर निकलने लगता है। यह बीमारी गर्मियों के दिनों में ज्यादा होती है। रक्तपित्त के इलाज में गोखरू का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है।

रक्तपित्त के लिए गोखरू खाने का तरीका : अगर आप रक्तपित्त से पीड़ित हैं तो गोखुरू को दूध में उबालकर इसका नियमित सेवन करें।

किडनी की पथरी निकालने में मददगार: इसके चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर बकरी के दूध के साथ खाने से किडनी की पथरी टूटकर निकल जाती है। इस घरेलू उपाय को अपनाने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह ज़रूर लें।

पेशाब सम्बन्धी बीमारियों में राहत : गोखरू की जड़ को समान मात्रा में चावल के साथ पानी में उबालकर पीने से पेशाब बढ़ती है।

यौन समस्याओं के उपचार में लाभप्रद : गोखरू का प्रयोग पुरुषों के यौन समस्याएं जैसे इरेक्टाइल डिसफंक्शन, सेक्स की इच्छा में कमी, शुक्राणुओं की कमी (लो स्पर्म काउंट) आदि में लाभप्रद है। साथ ही महिलाओं की यौन समस्याओं जैसे कामेच्छा कमी, लुब्रिकेशन आदि में लाभदायक है।


ऊपर बताई गई बीमारियों के अलावा भी गोखरु अन्य कई रोगों में उपयोगी माना गया है। यह सिरदर्द से राहत दिलाता है, दस्त रोकने में सहायक है और शरीर की पाचन शक्ति बढ़ाता है।


गोखरू खाने के तरीके :

आमतौर पर लोगों को गोखरू के फायदे तो पता है लेकिन गोखरू खाने के तरीके या इसे कब और कैसे खाएं इसकी जानकारी बहुत कम है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि गोखरू का सेवन कैसे करें।

गोखरू खाने या प्रयोग करने के निम्न तरीके है :

  • इसका काढ़ा बनाकर पेय पदार्थ की भांति लेना

  • इसके चूर्ण या फल को सूखे मेवों जैसे को अंजीर और किसमिस आदि, शहद, दूध, मट्ठा आदि के के साथ खाना।

  • इसकी जड़ को सामान मात्र में चावल के साथ पानी में उबालकर पेय पदार्थ के रूप में लेना ।

गोखरू का सेवन पेशेवर आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुरूप ही करना चाहिए।


कब ना करें गोखरू का सेवन :

यह सच है कि गोखरु सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है लेकिन कुछ ख़ास परिस्थितियों में इससे परहेज करने को बताया गया है। आयुर्वेद के अनुसार गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान गोखरू के सेवन से परहेज करना चाहिए क्योंकि इस समय महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते रहते हैं।

इसी तरह अगर आप सर्जरी करवाने जा रहे हैं या आप डायबिटीज के मरीज हैं तो भी आपको गोखरू के सेवन से परहेज करना चाहिए। कुछ शोधों के अनुसार यह जड़ी-बूटी, खून में ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकती है। इसलिए सर्जरी या डायबिटीज के मरीजों को इससे परहेज करना चाहिए।



सार रूप में यह कहा जा सकता है कि गोखरू एक बहुउपयोगी जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल कुछ विशेष परिस्थितियों को छोडकर, पेशेवर चिकित्सक के परामर्श के अनुरूप करने से बहुत लाभ होता है।

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