सफेद दाग एक त्वचा रोग है इस रोग से पीड़ित रोगियों के शरीर में अलग-अलग जगहों पर विभिन्न प्रकार के सफेद दाग आ जाते हैं। पूरा विश्व इस सफेद दाग के रोग से प्रभावित है जिसमें भारत में रोगियों की संख्या काफी अधिक है। सफेद दाग रोग इसलिए होता है कि क्योंकि त्वचा में वर्णक (रंग) बनाने वाली कोशिकाएं नष्ट हो जाती है, इन कोशिकाओं को मेलेनोसाइट्स कहा जाता है। सफेद दाग रोग श्लेष्मा झिल्ली (मुंह और नाक के अंदर) के ऊतक और आंखों को भी प्रभावित करतें है। शरीर पर सफेद दाग होने से इसे लोग एक कलंक के रूप में देखने लगते हैं और कुछ लोग भ्रम-वश इसे कुष्ठ रोग मान लेते हैं।इस रोग से प्रभावित लोग ज्यादातर हताशा में रहते हैं और उन्हें लगता है कि समाज ने उन्हें बहिष्कृत किया हुआ है। इस रोग के एलोपैथी और अन्य चिकित्सा पद्धतियों में इलाज संभव हैं। शल्यचिकित्सा के द्वारा भी इसका इलाज किया जाता है।
सफेद दाग रोग दो प्रकार का होता है (two types of Vitiligo Disease)
1-गैर-खंडयुक्त सफेद दाग (Non-Segmental Vitiligo)- गैर-खंडयुक्त यह सफेद रोग का सबसे सामान्य प्रकार है ज्यादातर रोगी इसी के मिलते है। इसके दाग अक्सर दोनों हिस्सों में समान दिखाई देते है| इसका प्रभाव निम्न स्थानों पर देखने को मिलता है जैसे-हाथ,कोहनी,आँख,घुटने,पैर का पंजा,मुंह, नाक, आदि क्षेत्रों को प्रभावित करता है।
2. खंडयुक्त सफेद दाग (Segmental Vitiligo)- यह शरीर के हिस्सों में फैला हुआ रहता है खंडयुक्त दाग तेजी से फैलता है हांलाकि इसका असर बहुत कम लोगों में देखने को मिलता है।यह बच्चों को अधिक प्रभावित करता है| खंडयुक्त सफेद दाग सामान्यत रीड की हड्डी के आसपास के क्षेत्र को प्रभावित करता है|
सफेद दाग रोग होने के कारण
सफेद दाग रोग तब होते है आपके शरीर में मेलेनोसाइट्स मरने लगते हैं, इससे आपकी त्वचा पर कई सफेद धब्बे बनने शुरू होते हैं। यह रोग आमतौर पर शरीर के उन हिस्सों में होता है जो सूरज की रोशनी के सीधे संपर्क में आते हैं जैसे- चेहरे,हाथों औरकलाई के क्षेत्र में यह रोग अधिक होता है। सफेद दाग रोग होने के कुछ कारण निम्न है-
1. इस रोग का सबसे मुख्य कारण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना होता है|
2. खाने में प्रोटीन पदार्थो के कमी के कारण भी यह रोग हो सकता है।
3. सफेद दाग रोग फंगल संक्रमण के कारण द्वारा हो सकता है|
5. अधिक तनाव और चिंता के कारण सफेद दाग रोग होता है।
6. विषैले रसायनों के सम्पर्क में आने से भी सफेद दाग रोग होना संभव है।
7. सफेद दाग रोग का वंशानुगत के कारण भी हो सकता है कुछ रोगियों में तो यह पीढ़ी दर पीढ़ी होता है।
सफेद दाग रोग के लक्षण
सफेद दाग रोग के लक्षण ज्यादातर छोटे धब्बे के रुप में दिख जाता है यह अक्सर हाथ, पैर, चेहरे और होठों पर जहां सूर्य की किरणें पहुंचती है वहां पर सबसे पहले दिखाई देते है| कुछ लक्षण निम्न प्रकार है-
· मुंह के अंदर त्वचा के रंग का परिवर्तन होना
· समय से पहले बालों का सफेद होना
· बालों में कई स्थानों पर सफेद धब्बों का बनना
· सफेद दाग रोग त्वचा वर्णिक हानि है जो आप की त्वचा पर दुधिया और सफेद धब्बे के रूप में दिखाई देता है।
· आखों की आंतरिक परत के रंग में परिवर्तन होना
· सफेद दाग रोग 20 से 40 वर्ष की आयु में ज्यादातर दिखाई देता है।
क्या है सफेद दाग रोग का इलाज?
सफेद दाग रोग के होने का सटीक कारण को अभी तक पहचाना नहीं जा सका है, हालांकि यह आनुवांशिक एवं पर्यावरणीय कारकों से मिलता-जुलता इसका परिणाम दिखता है। कुछ लोगों ने सनबर्न या भावनात्मक तनाव जैसे कारकों को भी इस रोग का कारण बताया है। आनुवंशिकता इस रोग का एक प्रमुख कारण हो सकता है क्योंकि कई रोगियों के पारिवारिक पृष्ठभूमि इससे मिलती-जुलती पाई गयी है। सफेद दाग रोग के इलाज के लिए टोपिकल, विभिन्न सर्जरी, लेजर चिकित्सा एवं अन्य वैकल्पिक उपचार उपलब्ध हैं। हालांकि सफेद दाग रोग के ठीक होने में एक लंबा वक्त लग सकता है। आज भी बहुत सारे लोग इस बीमारी को छुआ-छूत की बीमारी मानते है जबकि ऐसा नहीं है। आपको सफेद दाग रोग के लक्षण दिखने पर अपने नजदीकी अस्पताल के त्वचा रोग विभाग में संपर्क करें ताकि आपका उपचार सही समय से शुरु हो सके और आप इसे बढ़ने से रोक सकें।