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चंद्रेश विमला त्रिपाठी के बारे में

पर्यटन-प्रशासन एवं प्रबंधन में यूजीसी-नेट उत्तीर्ण, एम.बी.ए. इन टूरिज्म-मैनेजमेंट(सीएसजेएम-कानपुर विश्वविद्यालय), मास्टर्स इन मास-कम्युनिकेशन(लखनऊ विश्वविद्यालय), दैनिक जागरण-यात्रा विभाग में बतौर लेखक (१ जून २००८ से १७ सितम्बर २०१५ तक ) ७ वर्ष, ३ माह एवं १७ दिन का कार्य-अनुभव, नई दिल्ली के प्रकाशकों द्वारा कुछ पुस्तकों का प्रकाशन जैसे - मैनेजिंग एंड सेल्स प्रमोशन इन टूरिज्म (अंग्रेज़ी), शक्तिपीठ (हिंदी) और फिल्म-पटकथा लेखन पर आधारित मौलिक गीतों युक्त हिंदी में लिखी पुस्तक- “देवी विमला”...एक साधारण भारतीय महिला की असाधारण कहानी, प्रख्यात गीतकार श्री प्रसून जोशी द्वारा एक प्रतियोगिता में चयनित सर्वश्रेष्ठ गीतों में से एक गीत शामिल, जागरण जोश के कवर पेज पर आल-एडिशन फोटो...

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चंद्रेश विमला त्रिपाठी की पुस्तकें

deeplekhnee

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विविध विषयों पर मेरे पिता जी द्वारा लिखी पद्य रचनाएँ एवं सम-सामयिक या अन्य किसी भी विषय पर मन में उठते मेरे विविध प्रश्न???

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99 रचनाएँ

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विविध विषयों पर मेरे पिता जी द्वारा लिखी पद्य रचनाएँ एवं सम-सामयिक या अन्य किसी भी विषय पर मन में उठते मेरे विविध प्रश्न???

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poetry

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मनोभावों को समर्पित मौलिक कविताओं-कहानियों का मुक्त संसार...

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मनोभावों को समर्पित मौलिक कविताओं-कहानियों का मुक्त संसार...

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acting

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अभिनय जगत के नामी-गिरामी से लेकर अब गुमनामी में जी रहे हिंदी सिनेमा के कुछ धुंधले / जगमगाते सितारों की कुछ सुनी-कुछ अनसुनी कहानियां...

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अभिनय जगत के नामी-गिरामी से लेकर अब गुमनामी में जी रहे हिंदी सिनेमा के कुछ धुंधले / जगमगाते सितारों की कुछ सुनी-कुछ अनसुनी कहानियां...

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singer

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अपने शब्दों, सुरों एवं गायिकी के दम पर देश-दुनिया में एक अलग पहचान बनाने वाले गीत-संगीत के सच्चे साधकों के जीवन संसार की रोचक एवं प्रेरक जानकारी...

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tourism

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पर्यटन क्षेत्र की रोचक जानकारियों का सतरंगी पिटारा...

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chandreshvimlatripathi

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आपके किसी भी दिन की शुरुआत ज़िन्दगी से जुडी किसी कहानी, विचार, घटना या बेबाक बात से ।

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laughing

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विभिन्न विषयों पर हंसी का गुदगुदाता एवं मस्ती भरा अंदाज़...

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अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय एवं स्थानीय महत्व के विशेष ख़बरों-समाचारों-जानकारियों का चयनित संकलन...

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विविध विषयों-प्रसंगों पर आधारित मौलिक गीतों की लड़ियाँ, जो मौलिक संगीत की सरगम में पिरोयी जा सकती हैं...

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चंद्रेश विमला त्रिपाठी के लेख

लता दी द्वारा साझा किया हुआ विचार

29 अप्रैल 2016
9
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अनुपमा का प्रेम / शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय

28 अप्रैल 2016
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ग्यारह वर्ष की आयु से ही अनुपमा उपन्यास पढ़-पढ़कर मष्तिष्क को एकदम बिगाड़ बैठी थी। वह समझती थी, मनुष्य के हृदय में जितना प्रेम, जितनी माधुरी, जितनी शोभा, जितना सौंदर्य, जितनी तृष्णा है, सब छान-बीनकर, साफ कर उसने अपने मष्तिष्क के भीतर जमा कर रखी है। मनुष्य- स्वभाव, मनुष्य-चरित्र, उसका नख दर्पण हो गया

लोग जो केले से बने करोड़पति

28 अप्रैल 2016
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अगर कोई कहे कि किसान सालाना करोड़रुपए कमा सकते हैं, तो सुनने वाला उसे पागल समझ सकता है. मगर महाराष्ट्र का जलगांव भारत में केलोंकी राजधानी है और यहां के कई किसान हैं करोड़पति. 62 साल के टेनू डोंगारबोरोले और 64 साल के लक्ष्मण ओंकार चौधरी ऐसे ही किसान हैं. एक पहले चौराहे पर चाय बेचतेथे और गांव वाले उन्

पद्मविभूषण से सम्मानित दिव्यांग संत जगदगुरु स्वामी रामानंदाचार्य राघवीयो रामभद्राचार्यजी को कंठस्थ है अनेक ग्रंथ

28 अप्रैल 2016
2
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जैसा कि आपको पता होगा कि इन दिनोंभारत के हृदय प्रदेश मध्य प्रदेश की पावन महाकालनगरी उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ मेलाचल रहा है| संसार के इस सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में यूं तो लाखों संतों का रेलालगा हुआ है| इसी मेले में एक विलक्षण संत भी हैं जो जन्म से देख तो नहीं सकतेलेकिन मन की आँखों से सिंहस्थ मेले का अ

जीवन का फलसफा है यह गाना हँसते हँसते कट जाए रस्ते !

28 अप्रैल 2016
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12 अगस्त 1988 को रिलीज़ हुई थी बेहद प्रशंसित एवं हिट फिल्म ' खून भरी माँग' | राकेश रोशन के निर्माण एवं निर्देशन में बनी इस फिल्म ने रेखा की हिंदी सिनेमा में दमदार पुनर्वापसी की जिसमें यादगार अभिनय के लिए रेखा को फिल्मफेयर के बेस्ट एक्ट्रेस के अवार्ड से सम्मानित भी किया गया | रेखा के अलावा इस फिल्म मे

वक़्त की हर शह गुलाम !

28 अप्रैल 2016
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है तो यह फिल्म वक़्त का मशहूर गीत | लेकिन सौ फीसद सच बात है | शुरुआत में जब इंसान को जीवन का अनुभव नहीं होता तो उसे लगता है कि वक़्त उसकी मुट्ठी में है | यौवन में तो ऐसा लगता है वक़्त ना केवल मुट्ठी में बल्कि उसका गुलाम है | फिर अचानक ऐसा पल आता है | ऐसी स्थितियां बन जाती हैं कि सब कुछ मुट्ठी से छूटता 

हम थे जिनके सहारे वो हुए ना हमारे : कालजयी गीत

27 अप्रैल 2016
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1970 में शर्मीला टैगोर, राजेश खन्ना, फ़िरोज़ खान और अशोक कुमार के मुख्य अभिनय से सजी एक बेहद संवेदनशील फिल्म आई थी सफ़र | यूं तो इस मूवी के सभी गीत अत्यंत मधुर थे और इसका संगीत भी बेहद हिट हुआ था । लेकिन इस मूवी में जिंदगी का सफ़र के साथ ही  एक और गीत भी था - हम थे जिनके सहारे वो हुये ना हमारे हिंदी सिन

मरुस्थल में नखलिस्तान है माउंट आबू जो राजस्थान का इकलौता हिल स्टेशन है

27 अप्रैल 2016
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गर्मियों के दिनों में राजस्थान घूमने की बात करें तो आप जरूर हसेंगे कि गर्मी में पहाड़ के बजाय मरुस्थल की बात करने वाला शख्स शायद बावला है| लेकिन यह बात बिल्कुल दुरुस्त है क्योंकि राजस्थान में भी अरावली पर्वतों की गोद में एक बेहद लोकप्रिय पहाड़ी शहर ( हिल स्टेशन ) बसा है जिसे राजस्थान के इकलौते हिल स्ट

हिंदी फ़िल्मों के स्टाइल आइकन थे फ़िरोज़ खान ( पुण्यतिथि पर विशेष )

27 अप्रैल 2016
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25 सितम्बर 1939 को बंगलुरु में जन्मे हिंदी सिनेमा के लोकप्रिय अभिनेताओं में शुमार है नाम बेहद स्टाइलिश फ़िरोज़ खान का | अफ़गानी मूल के फ़िरोज ने 1960 की फिल्म दीदी में सेकंड लीड एक्टर के तौर पर बॉलीवुड में पदार्पण किया| हालाँकि 1965 की फिल्म ऊँचे लोग की कामयाबी ने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित किया

क्या धूम - 4 से धूम मचा पाएंगे सलमान खान ???

26 अप्रैल 2016
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सल्लू भाई के फैंस के लिए अच्छी खबर है | सूत्रों के अनुसार यशराज फिल्म्स की मशहूर फ्रेंचाइजी फिल्म धूम -4 में सलमान खान द्वारा नकारात्मक भूमिका निभाने की चर्चा जोरों पर है | अगर यह बात सही हुई तो दर्शकों के साथ ही फिल्म इंडस्ट्री में इसफिल्म को लेकर गजब की उत्सुकता रहेगी यह तो निश्चित है | गौरतलब है 

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