भारत में व्यस्तता भरे जीवनशैली में बाहरी खान-पान के कारण कई सारे रोग हो जाते है जिसमें से एक है गुर्दे की पथरी। इस रोग के हो जाने पर यह बहुत असहनीय दर्द देता है। देश में इसके मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हो रही है जिसमें प्रमुख कारण गलत खान-पान है। गुर्दे की पथरी जिसे किडनी स्टोन भी कहा जाता है यह नमक और खनिज के एक स्थान पर जमावट के कारण होती है। यह पथरी गुर्दें में भी रह सकती है और पेशाब के रास्ते से बाहर भी निकल सकती है। आज हम आपके लिए गुर्दे की पथरी का आयुर्वेदिक इलाज Gurde Ki Pathri Ka Ayurvedhik Ilaj In Hindi बताएंगे जिसे अपनाकर आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। हालांकि इस रोग का एलोपैथिक इलाज भी संभव होता है लेकिन इसमें खर्च काफी ज्यादा हो सकता है। पहले तो गुर्दे की पथरी बहुत छोटे आकार की होती है लेकिन समय के साथ इसके आकार में परिवर्तन हो जाता है। जैसे-जैसे इसका आकार बढ़ता है इसमें दर्द भी बढ़ाता जाता हैं।
कैसे पता करें गुर्दें की पथरी
आपके शरीर में गुर्दे की पथरी है या नहीं इसका पता इस लक्षण से चलता है जब पेट में बार-बार दर्द होता है। कुछ समय के अंतराल में यह दर्द उठता है और अचानक से खत्म भी हो जाता है। गुर्दे का पथरी होने पर कमर में दर्द रहता है। पेशाब करने में काफी दर्द का अनुभव होता है। पेशाब के रंग में परिवर्तन के साथ बुखार और उल्टी की समस्या भी होने लगती है। थकान और कमजोरी महसूस होती है।
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गुर्दे की पथरी का आयुर्वेदिक इलाज
1.चंद्रप्रभा वटी- गुर्दे की पथरी में चंद्रप्रभा वटी टैबलेट का सेवन करने पर पथरी की समस्या से छुटकारा मिलता है। चंद्रप्रभावटी टैबलेट 71 विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियों से मिलकर बना होता है। इसके निर्माण में वच, अरंडी, शिलाजीत, गुग्गल, विदंग जैसी सामग्रियां शामिल होती है। इस दवा का उपयोग करने से रोगी को बार-बार पेशाब और दर्द व जलन से राहत मिलती है। रोगी इस टैबलेट का इस्तेमाल भोजन के बाद कर सकतें है। इसके दुष्परिणाम की संभावना कम होती है।
2.यक्षावर का उपयोग- गुर्दे की पथरी होने आप यक्षावर चूर्ण का इस्तेमाल कर सकते है। यक्षावर में जौ का क्षारीय रुप मौजूद रहता है। इसके निर्माण में पोटेशियम क्लोराइड,पोटेशियम बाइकार्बोनेट, पोटेशियम सल्फेट, और पोटेशियम कार्बोनेट के मिश्रण शामिल होते है जो पथरी को टुकड़ों में विभक्त कर देते है। इसके सेवन से पेट में दर्द,मूत्र मार्ग में दर्द और जलन से राहत मिलती है। आप इसका सेवन बताए गए खुराक के अनुसार ही करें।
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3.गोक्षुरादि गुग्गल का सेवन- पथरी से निजात पाने के लिए आप इसका गोक्षुरादि गुग्गल का सेवन कर सकतें है। इसमें गुग्गल,गोक्षुरा,त्रिकटु,त्रिफला और मुस्तका का मिश्रण शामिल होता है। भोजन के पहले आप इस टैबलेट का उपयोग कर सकते है। यह दवा वात को ठीक करती है और दर्द और सूजन से राहत दिलाती है।
4.पथरचट्टा का उपयोग- आप गुर्दे की पथरी से निजात पाने के लिए पथरचट्टा के पौधे का पत्ता लेकर और उसे कुछ मिश्री के दानों के साथ पीसकर चूर्ण बना लें और पानी के साथ इसका सेवन करें। यह पथरी को खत्म करने में काफी लाभप्रद होता है। आप इस विधी को 10-15 दिनों तक अजमाएं और ऐसा करने से आपको पथरी के समस्या से राहत छुटकारा मिल जाएगा।
5.तुलसी के पत्तो से- तुलसी के पौधे को आयुर्वेदिक दवा के रुप में इस्तेमाल किया जाता है और तुलसी का पत्ते कई रोगों को खत्म करने में सक्षम होते है। आप पथरी को नष्ट करने के लिेए तुलसी के पत्तों को शहद के साथ मिलाकर इसका सेवन रोजाना करें इससे आपको पथरी से जल्द ही छुटकारा प्राप्त हो जाएगा।
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