ओंकार नाथ त्रिपाठी
शब्दों को अर्थपूर्ण ढंग से सहेजने की आदत।
बस, इतना सा..
बस, इतना सा ******** ओंकार नाथ त्रिपाठी -------------------------- "बस,इतना सा"यह मेरी "शब्द इन" पर प्रकाशित होने वाली आठवीं नई कविता संग्रह है।आम बोलचाल की भाषा में लिखी गई मेरी रचनाएं मानवीय सोच व
बस, इतना सा..
बस, इतना सा ******** ओंकार नाथ त्रिपाठी -------------------------- "बस,इतना सा"यह मेरी "शब्द इन" पर प्रकाशित होने वाली आठवीं नई कविता संग्रह है।आम बोलचाल की भाषा में लिखी गई मेरी रचनाएं मानवीय सोच व
कुंवारी रात
"कुंवारी रात"शब्द इन पर प्रकाशित होने वाली यह मेरी नौंवी कविता संग्रह है,जिसकी पृष्ठभूमि 10जनवरी 2024को एक अस्पताल में तैयार हुई और 21फरवरी 2024को पूर्ण हुई।आज ही मेरी कविता संग्रह "बस! इतना सा" पूरी हुई है। कुंवारी रात की पहली कविता ही सार है इस कव
कुंवारी रात
"कुंवारी रात"शब्द इन पर प्रकाशित होने वाली यह मेरी नौंवी कविता संग्रह है,जिसकी पृष्ठभूमि 10जनवरी 2024को एक अस्पताल में तैयार हुई और 21फरवरी 2024को पूर्ण हुई।आज ही मेरी कविता संग्रह "बस! इतना सा" पूरी हुई है। कुंवारी रात की पहली कविता ही सार है इस कव
मन की कोठर से...
मन के अन्दर तरह तरह के उद्गार उठते रहते हैं जो कि मनुष्य के मन की स्वभाविक प्रक्रिया है।इन्हीं उद्गारों के शब्दों को संवेदनाओं के साथ सजाकर उन्हें काव्य के रुप में सहेज का प्रयास है'मन की कोठर से....'।इसके पहले इसी तरह की कोशिश 'शब्द कलश'(योर कोट्स स
मन की कोठर से...
मन के अन्दर तरह तरह के उद्गार उठते रहते हैं जो कि मनुष्य के मन की स्वभाविक प्रक्रिया है।इन्हीं उद्गारों के शब्दों को संवेदनाओं के साथ सजाकर उन्हें काव्य के रुप में सहेज का प्रयास है'मन की कोठर से....'।इसके पहले इसी तरह की कोशिश 'शब्द कलश'(योर कोट्स स
धड़कन
"धड़कन"यह मेरी बारहवीं आनलाइन प्रकाशित पुस्तक है।इसके पहले योर कोट्स पर शब्द कलश,तथा 'शब्दइन' पर नौ आनलाइन कविता संग्रह प्रकाशित है।'शब्दइन' पर ही एक लघु कथा संग्रह भी प्रकाशित हो रहा है। आज 21फरवरी2024के दिन इस संग्रह की शुरुआत हो रही है।यह दिन भी म
धड़कन
"धड़कन"यह मेरी बारहवीं आनलाइन प्रकाशित पुस्तक है।इसके पहले योर कोट्स पर शब्द कलश,तथा 'शब्दइन' पर नौ आनलाइन कविता संग्रह प्रकाशित है।'शब्दइन' पर ही एक लघु कथा संग्रह भी प्रकाशित हो रहा है। आज 21फरवरी2024के दिन इस संग्रह की शुरुआत हो रही है।यह दिन भी म
तुम भी
--"तुम भी..." "तुम भी..."मेरी छठवीं कविता संग्रह है जो 'शब्द इन'पर आन लाइन लिखी जा रही है और वहीं से इन लाइन प्रकाशित भी होगी।यह संग्रह पूर्ण होने से पहले तक नि:शुल्क रहेगी जो पूर्ण होते ही सशुल्क कर दी जायेगी। संग्रह में संकलित मेरी
तुम भी
--"तुम भी..." "तुम भी..."मेरी छठवीं कविता संग्रह है जो 'शब्द इन'पर आन लाइन लिखी जा रही है और वहीं से इन लाइन प्रकाशित भी होगी।यह संग्रह पूर्ण होने से पहले तक नि:शुल्क रहेगी जो पूर्ण होते ही सशुल्क कर दी जायेगी। संग्रह में संकलित मेरी
तूं चाही,मैं रीता
"तूं चाही,मैं रीता"यह मेरी सातवीं तथा शब्द इन पर प्रकाशित होने वाली। छठवीं काव्य संग्रह है।जब तक यह लिखी जा रही है तब तक के लिये पाठकों के लिए नि:शुल्क शब्द इन पर उपलब्ध रहेगी लेकिन पूर्ण हो जाने के बाद यह सशुल्क उपलब्ध हो सकेगी। आनलाइन लेखन मैंने सब
तूं चाही,मैं रीता
"तूं चाही,मैं रीता"यह मेरी सातवीं तथा शब्द इन पर प्रकाशित होने वाली। छठवीं काव्य संग्रह है।जब तक यह लिखी जा रही है तब तक के लिये पाठकों के लिए नि:शुल्क शब्द इन पर उपलब्ध रहेगी लेकिन पूर्ण हो जाने के बाद यह सशुल्क उपलब्ध हो सकेगी। आनलाइन लेखन मैंने सब
समय की खिड़की
समय की खिड़की ----------------------- © ओंकार नाथ त्रिपाठी "समय की खिड़की" मेरी प्रथम लघुकथा संग्रह है जो कि 'शब्द इन' पर आनलाइन प्रकाशित हो रही है।इस संग्रह में मेरी कई छोटी छोटी कहानियां संकलित हैं जो कि मैंने
समय की खिड़की
समय की खिड़की ----------------------- © ओंकार नाथ त्रिपाठी "समय की खिड़की" मेरी प्रथम लघुकथा संग्रह है जो कि 'शब्द इन' पर आनलाइन प्रकाशित हो रही है।इस संग्रह में मेरी कई छोटी छोटी कहानियां संकलित हैं जो कि मैंने
सपना में तुम
सपना में तुम! ************ © ओंकार नाथ त्रिपाठी "सपना में तुम" 'शब्द इन'पर आन लाइन प्रकाशित होने वाली मेरी बारहवीं पुस्तक कविता संग्रह के रुप में है।अब तक आनलाइन प्रकाशित होने
सपना में तुम
सपना में तुम! ************ © ओंकार नाथ त्रिपाठी "सपना में तुम" 'शब्द इन'पर आन लाइन प्रकाशित होने वाली मेरी बारहवीं पुस्तक कविता संग्रह के रुप में है।अब तक आनलाइन प्रकाशित होने
आधा तुम मुझमें हो
'आधा तुम मुझमें हो',यह मेरी छठवीं कविता संग्रह है।यह शब्द इन प्लेटफार्म पर प्रकाशित हो रही है।इसके पहले काव्य वाटिका,मन की कोठरी से,मन की गठरी तथा तुम्हीं से शुरु,शब्द इन पर तथा शब्द कलश योर कोट्स से प्रकाशित हो चुकी है।इस नवीन काव्यसंग्रह में 50कव
आधा तुम मुझमें हो
'आधा तुम मुझमें हो',यह मेरी छठवीं कविता संग्रह है।यह शब्द इन प्लेटफार्म पर प्रकाशित हो रही है।इसके पहले काव्य वाटिका,मन की कोठरी से,मन की गठरी तथा तुम्हीं से शुरु,शब्द इन पर तथा शब्द कलश योर कोट्स से प्रकाशित हो चुकी है।इस नवीन काव्यसंग्रह में 50कव