Sunny Mhadhwani
नमस्ते पाठकों, pls मुझे फॉलो करें रेटिंग करें और अपने साथ जोड़े रखें,,,लिखा था कभी पैग़ाम उसको प्यार भरे दिल से,,, कुछ खास नहीं कमाता था में, वो कह गयी ऐसी में सोया करती हूँ में, तुम क्या खर्चा उठाओगे मेरा, डर जाओगे मेरे खर्चों और बिजली के बिल से🤣🤣🤣🤣 🤔🤔🤔🤔🤔🤔
सुनसान राह मौत का मंजर
सुनसान राह मौत का मंजर, अक्सर ऐसा होता है अंध विश्वास के चलते लोग हमेशा अपनी बुद्धि पर पत्थर रखकर आँखें मुंन्द कर उसपर भरोसा कर अपनी राह से भटक जातें है, ऐसा ही कुछ इस रचना में हुआ है, राहुल के साथ!
सुनसान राह मौत का मंजर
सुनसान राह मौत का मंजर, अक्सर ऐसा होता है अंध विश्वास के चलते लोग हमेशा अपनी बुद्धि पर पत्थर रखकर आँखें मुंन्द कर उसपर भरोसा कर अपनी राह से भटक जातें है, ऐसा ही कुछ इस रचना में हुआ है, राहुल के साथ!
छलिया चुड़ेल
ये कहानी है एक ऐसी चुड़ेल की जो बला की खूबसूरत दिखाई देती थी उसकी आँखे काली काली जिसको देख कर लोग उसकी आँखों में डूब जाया करते थे ,सुंदरता ऐसी थी की जो उसे देखकता था ,उसके हुस्न का कायल हो जाता दीवाना हो जाता उसपर मर मिटने को उतारू हो जाया करता था, अ
छलिया चुड़ेल
ये कहानी है एक ऐसी चुड़ेल की जो बला की खूबसूरत दिखाई देती थी उसकी आँखे काली काली जिसको देख कर लोग उसकी आँखों में डूब जाया करते थे ,सुंदरता ऐसी थी की जो उसे देखकता था ,उसके हुस्न का कायल हो जाता दीवाना हो जाता उसपर मर मिटने को उतारू हो जाया करता था, अ
इश्के जुनून 💔
इक सफर ऐसा भी रहा ए जिंदगी! तेरे दिये हुए हर गम को भुलाने में! भूल कर भी ना भुला पाएँ हम! तेरे दिये हुए हर इक गम को! यह सोचकर शायद कोई कसर तो नहीं रह गई तेरी, ए जिंदगी हमें आजमाने में!
इश्के जुनून 💔
इक सफर ऐसा भी रहा ए जिंदगी! तेरे दिये हुए हर गम को भुलाने में! भूल कर भी ना भुला पाएँ हम! तेरे दिये हुए हर इक गम को! यह सोचकर शायद कोई कसर तो नहीं रह गई तेरी, ए जिंदगी हमें आजमाने में!
खौफ की वो रात
हाल ही में रमन का ट्रांसवर दिल्ली शहर के मुंसीबल ऑफिस में हुआ था! रमन भोपाल का रहने वाला था! दिल्ली में ना तो कोई उसका सगा संबंधी रहता था! और नाहीं कोई यार दोस्त रहता था! रमन एक २५ साल का नावजवाँन युवक था! जिसकी शादी की बात चल रही थी! रमन के घर वाले
खौफ की वो रात
हाल ही में रमन का ट्रांसवर दिल्ली शहर के मुंसीबल ऑफिस में हुआ था! रमन भोपाल का रहने वाला था! दिल्ली में ना तो कोई उसका सगा संबंधी रहता था! और नाहीं कोई यार दोस्त रहता था! रमन एक २५ साल का नावजवाँन युवक था! जिसकी शादी की बात चल रही थी! रमन के घर वाले
शर्मसार
पति पत्नी का रिश्ता एक ऐसा पवित्र रिश्ता है, जिसकी डोर प्यार और विश्वास से जुड़ी होती है। जिस रिश्ते में प्यार और विश्वास नहीं होता वो रिश्ता मात्र शरीरिक सुख और भोग विलास से जुड़ा होता है। और ऐसे रिश्तों में अक्सर दरार पड़ जाती है। ऐसे रिश्तों कि उ
शर्मसार
पति पत्नी का रिश्ता एक ऐसा पवित्र रिश्ता है, जिसकी डोर प्यार और विश्वास से जुड़ी होती है। जिस रिश्ते में प्यार और विश्वास नहीं होता वो रिश्ता मात्र शरीरिक सुख और भोग विलास से जुड़ा होता है। और ऐसे रिश्तों में अक्सर दरार पड़ जाती है। ऐसे रिश्तों कि उ