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गुलाम 💔

15 जून 2022

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हसरतें  हमारे दिल में तमाम थी!
जिसे हम अपना हम साया समझते थे!
वो तो हरे नोटो की गुलाम थी!

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रचनाएँ
इश्के जुनून 💔
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इक सफर ऐसा भी रहा ए जिंदगी! तेरे दिये हुए हर गम को भुलाने में! भूल कर भी ना भुला पाएँ हम! तेरे दिये हुए हर इक गम को! यह सोचकर शायद कोई कसर तो नहीं रह गई तेरी, ए जिंदगी हमें आजमाने में!
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मिजाज 💔

15 जून 2022
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🌹फूल समझ कर जिसको कर गए भूल हम 🌹! 🌵कमब्बख्त उनका काटों से भी तेज मिजाज था!🌵 🌵🌵🌵🌵🌵🌵🌵🌵🌵🌵🌵🌵🌵🌵

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डोर

15 जून 2022
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बिखरे हुए सपनों को फिर से सजाने के ख्वाब ना बुनो यारों ! बुना तो टूटी हुई मोतियों की माला को जाता है! डोर और मोतियों का रिश्ता तो है सदियों पुराना! टूटती है डोर तो मोती बिखर जाता हैं! ये कलय

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इंतजार 💔

15 जून 2022
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आँखों को इंतजार है तेरा ! होठों पर बस नाम है तेरा ! इंतजार में तेरे ये पलके झुकती नहीं ! मैं कैसे मान जाऊ बेवफा यार है मेरा!

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मगरूर 💔

15 जून 2022
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बने थे हम आशिक उनके, मगरूर थे उनके प्यार में! हमें क्या पता था कत्ल करना है पेशा उनका! कत्ल खाने है उनके शहर के हर बजार में! कत्ल करते है, वो आशिकों का! हमारे जैस

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गुलाम 💔

15 जून 2022
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हसरतें हमारे दिल में तमाम थी! जिसे हम अपना हम साया समझते थे! वो तो हरे नोटो की गुलाम थी! ,💔

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मंजिले

15 जून 2022
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राहों को ताकने से मंजिल नहीं मिलती! कोटों के पथ पर चलना पड़ता है! किनारों पें रुकी कश्तियाँ कभी पार नहीं लगती! कश्तीयों को पानी में उतारना पड़ता है! चाहे कितने भी पथरीले हो रास्ते! मंजिल को पाने

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