5 Month Baby Care Tips In Hindi- जब कोई महिला प्रेग्नेंट होती है तो वो दौर उनके लिए बहुत ही नाजुक होता है . बहुत दर्द और तकलीफ के साथ एक स्त्री एक बच्चे को जिंदगी देती है लेकिन जब वो उनकी गोद में आता है तो वो सारे दर्द और तकलीफ भूल जाती है. इसके बाद उनके ऊपर जिम्मेदारी आती है उस बच्चे की परवरिश की जो असल में बहुत जरूरी भी होता है. बच्चे के जन्म से लेकर बच्चे के 5 साल के होने तक मां को उसका बहुत ख्याल रखना पड़ता है लेकिन उस चीज को सही ठंग से शायद ही कोई मां कर पाती होगी. बच्चा जब 5 महीने का होता है तब उन्हें खास देखभाल की जरूरत होती है.
5 महीने के बच्चे का इस तरह रखें ख्याल - 5 Month Baby Care Tips In Hindi
बच्चे के जीवन का पहला साल बहुत ही नाजुक होता है और अब तक आपका बच्चा बहुत सी चीजें सीख चुका होता है. वो खुलकर हंसता है, अपनी बातें कहने की कोशिश में होता है, आपको गले लगाकर अपना प्यार व्यक्त करने का काम करता है आपकी गोद में आने पर आपके कंधे पर अपना सिर भी झुका लेता है. 5 महीने के बच्चे की मुस्कुराहट पर माता-पिता सबकुछ लुटाने वाला प्यार महसूस करते हैं. एक बच्चे की कीमत वो ही जानते हैं जिन्हें किसी वजह से बच्चे का सुख नहीं मिल पाता लेकिन आज की नई तकनीकों की वजह से हर माता-पिता को बच्चे नसीब हो जाते हैं. आप देखेंगी कि आपका किसी भी चीज को मन लगाकर देखता है और वह हर दिन कुछ ना कुछ सीखता है. अगर आप उसे नाम लेकर पुकारती हैं तो वो आपकी तरफ मुड़कर भी देखता है. इस दौरान बच्चा अपने चारों ओर की चीजों को समझने की कोशिश करता है और इसी दौरान वो अपने जीवन के पहले शब्द को भी बोलना शुरु करता है.
जब बच्चा छोटा होता है तो उसके विकास और सेहत से संबंधित बहुत से माता-पिता के मन में सवाल होता है कि वे अपने बच्चों की परवरिश किस तरह से करे. अगर आपका बच्चा 5 महीने से एक साल के बीच है तो आपको मेरी बताई इन बातों पर जरूर ध्यान दें, इससे आपके बच्चे का स्वास्थ्य और ग्रोथ बहुत अच्छे से होगा.
मालिश - बहुत से पुराने लोग बच्चों के जन्म के बाद से ही उसकी मालिश करना शुरु कर देते हैं. हालांकि डॉक्टर्स हमेशा नवजात शिशुओं को मालि करने से मना करते हैं लेकिन उनकी मालिश करना जरूरी होता है .मालिश से ही बच्चे की गर्दन संभलती है और वो बैठना या चलना जल्दी सीखता है. बच्चों को ठोस बनाने के लिए मालिश का अहम किरदार होता है और मालिश के लिए कौन सा तेल जरूरी होता है इस बात का चयन जरूर कर लेना चाहिए. मालिश नहलाने से पहले करना चाहिए क्योंकि ये शिशु के स्वास्थ्य और विकास दोनों के लिए अच्छा होता है.
हर दिन नहलाएं - जब बच्चा छोटा होता है तो वो बहुत नाजुक होता है और ऐसे में बच्चे की शुरुआती दिनों में गीले कपड़े से पोछ देने काफी होता था. मगर 5वें महीने में आते ही बच्चे को हर दिन नहलाना सही रहता है और आपको मौसम के अनुसार बच्चे को नहलाना चाहिए. नहाने के बाद बच्चे की अच्छी सेहत के लिए उसे सुला देना बेहतर होता है. नहाने के बाद बच्चे के लिए सोना बहुत जरूरी होता है.
बच्चे को सुलाने के समय ध्यान दें -ऐसा एक रिसर्च में पाया गया है कि बच्चे जितना सोते हैं उतना स्वस्थ रहते हैं. सोते समय बच्चों को हल्का कपड़ा पहनाएं और उन्हें ज्यादा गर्मी ना लगे इस बात का भी ख्याल रखें. मौसम के हिसाब से उनकी देखरेख करें और 5 महीने के बच्चे को अकेला किसी कमरे में सोचा बिल्कुल भी नहीं छोड़ें.
रोने से ना हो परेशान - बच्चा अपनी मां की कोख से सीखकर आता है उसे अपनी मां का दूध पीना है, ठीक उसी तरह बच्चा भी सीख जाता है कि उसे रोकर बड़ों को आकर्षित करना है. बच्चे बोलना नहीं जानते लेकिन रोने से वे किसी को भी अपनी ओर आकर्षित करके बताते हैं कि उन्हें क्या चाहिए और क्या उन्हें परेशान कर रहा है. बच्चों के रोने से घबराना नहीं चाहिए बल्कि पता करें कि वो रो क्यों रहा है.
ब्रश करना सिखाएं - 5 महीने के बच्चे को उनकी दांतों की देखभाल करना सीखाना चाहिए. दूध के दांत नाजुक होते हैं और उनकी देखभाल करने की जरूरत बहुत होती है. बच्चों के मसूड़े फूलते ही उन्हें अच्छी क्वालिटी का ब्रश पकड़ाएं जिससे वे खेलें भी और सीखें भी जब तक बच्चा ब्रश कनरा शुरु नहीं करता तब तक उसके दांतों में सुबह गीले कपड़े से साफ करते रहना चाहिए.
बच्चे को रहने दें कुदरत के साथ - 5 Month Baby की गर्दन स्थिर होना शुरु हो जाती है और उसकी मांसपेशियों में ताकत भी आने लगती है. इस उम्र में बच्चे बिना सहारे के करवट लेना सीख जाते हैं और बकईया बनकर चलने भी चलते हैं. 5 महीने के बच्चे की गतिविधियां तेज होने लगती हैं और इस दौरान बच्चों को किसी दुर्घटना से बचाना है तो उन्हें बच्चे पर अकेला छोड़ दें जहां पर कुछ सेफ्टी की चीजें जरूर लगा दें. जमीन पर कारपेट बिछाकर उन्हें खेलने दें और जिन चीजों से खतरा हो उन्हें बच्चों से दूर करें.
एक साल के बच्चे की इस तरह करें देखभाल -1 Year Baby Care Tips In Hindi
एक साल के बच्चे की देखभाल करना बहुत मुश्किल हो जाता है क्योंकि इनमें कुछ बच्चे रात में सोते हैं कुछ दिन में सोते हैं. यहां पर अपने समय के हिसाब से बच्चे की देखभाल कर सकते हैं और एक साल के बच्चे को समय-समय पर भूख लगती है और भूख का ख्याल भी आपको रखना चाहिए. एक साल के बच्चे को दिन में पांच से 6 बार भूख लगती है. आपको ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे समय पर खाएं और समय पर सो जाएं लेकिन कुछ बच्चे भी सो जाते हैं इसलिए बच्चों की नींद का भी खास ख्याल रखना चाहिए. यही समयय होता है जब बच्चों को उनके नाम से बुलाना चाहिए और उनके साथ समय बिताना चाहिए. आप हल्की आवाज में संगीत भी बजाना चाहिए और इससे बच्चे आकर्षित होते है. कुछ बच्चे खिलौने के साथ खेलते रहते हैं क्योंकि वह उनकी ओर आकर्षित होते है. इसके अलावा इन तरीकों से रखें 1 Year Baby का ख्याल -
1. 1 साल के बच्चे को गुनगुने पानी में घुट्टी मिलाकर बच्चे को पिलाएं
2. शुशु को कब्ज हो जाते तो हर्ड को जरा सा घिसकर उसमें काला नमक गर्म पानी के साथ मिलाकर पिला दें पाचन ठीक रहता है.
3. बच्चों के लिए मा का दूध सबसे अच्छा माना जाता है और मां का दूध रोग प्रतिरोधर क्षमता को बढ़ाता है.
4. नींबू के रस की कुछ बूंदे पानी में मिलाकर पिलाएं और फिर बच्चा दूध नहीं उलटेगा.
5. छोटे बच्चों को दस्त की समस्या हो जाती है और ऐसे में बच्चों को गर्म दूध में चुटकी भर दालचीनी पिलाएं वो ठीक हो जाएगी.
6. बच्चों में पेट फूलना, दस्त, खांसी, सर्दी, जुकाम और उल्टी जैसी चीजों के लिए तुली के पत्तों का रस और चीनी गर्म पानी के साथ दें ऐसा नियमित रूप से करने पर परेशानी खत्म हो जाएगी.
7. बहुत से बच्चे बहुत दुबले-पतले होते हैं उन्हें हस्ट और पुष्ट बनाने के लिए हर दिन गाजर का जूस पिलाएं. इससे बच्चों का स्वस्थ्य अच्छा रहेगा.